रांची
PGT टीचर भर्ती में मूक-बधिर श्रेणी में बोलने वाले अभ्यर्थी के चयन का मामला गरमा गया है। राज्य सरकार ने इस मामले का संज्ञान लिया है। बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन के हाथों से शुक्रवार को पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया था। अब इस नियुक्ति में गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं। कुछ मीडिया संस्थानों से रपट आयी कि एक बोल और सुन सकनेवाले अभ्यर्थी की नियुक्ति दिव्गयांग कोटे में कर दी गयी। आरोप लगाये जा रहे हैं कि जिस योगेंद्र को हेमंत ने दिव्यांग मानकर नियुक्ति पत्र दिया, वो दिव्यांग नहीं है।
मरांडी ने उठाये सवाल
इधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 2 दिन पहले सीएम हेमंत सोरेन के हाथों दी गयी नियुक्तियों पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि झारखंड में दिव्यांग कोटे की नौकरियों को भी बेच दिया गया है। बीजेपी ने आरोप लगाय़ा है कि 2 दिन पहले हेमंत सोरेन के द्वारा जिन लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, उसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा की खबर सामने आ रही है। मूक-बधिर के लिए आरक्षित सीट पर बोलने वाले व्यक्ति को नियुक्त कर दिया गया है।
सरकार पर लगाये ये आरोप
मरांडी ने एक ट्वीट कर कहा है कि राज्य में सिर्फ पैसों का खेल चल रहा है। कहा, सरकार में सेटिंग अच्छी हो, तो मूक-बधिर भी बोलने लगता है! मरांडी ने आगे कहा, इस फर्जीवाड़ा में अभ्यर्थी के साथ-साथ सर्टिफिकेट जारी करने वाले अधिकारी, काउंसलिंग टीम के सदस्य, परीक्षा आयोग और सत्ताधारी दलों की भी सहभागिता है। हेमंत सरकार की पैसों की भूख इतनी बढ़ गई है कि अब एक असहाय, दिव्यांग की नौकरी को भी बेचा जा रहा है।